महाकालेश्वर मंदिर में सावन का पहला सोमवार : अब तक 1 लाख से ज्यादा ने दर्शन किए

आज शाम सवारी, मनमहेश रूप में दर्शन देंगे महाकाल

आज सावन का पहला सोमवार है। उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में दर्शन के लिए भक्तों की सुबह से भीड़ लगी है। सुबह 11.30 बजे तक 1 लाख से ज्यादा भक्त दर्शन कर चुके हैं। शाम तक यह आंकड़ा 3 लाख से ज्यादा पहुंचने का अनुमान है।

भस्म आरती के लिए रात 2.30 बजे महाकाल मंदिर के पट खोल दिए गए थे। भस्म आरती में भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर विशेष श्रृंगार हुआ।

शाम 4 बजे भगवान महाकाल की सवारी निकाली जाएगी। इस दौरान भगवान महाकाल मनमहेश के रूप में दर्शन देंगे। इस बार अधिक मास में होने से सावन 59 दिन का होगा। 4 जुलाई से 31 अगस्त तक पूरे 59 दिन चलेगा।

देशभर के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में भस्म के लिए बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे। जिन भक्तों को परमिशन नहीं मिल पाई, उन्हें मंदिर समिति ने चलित भस्म आरती दर्शन व्यवस्था देकर दर्शन कराए।

 

पंचामृत से पूजन, सूखे मेवों से दिव्य श्रृंगार

भस्म आरती में जल से भगवान महाकाल का अभिषेक करने के बाद दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रस से बने पंचामृत से पूजन किया गया।

भांग, चंदन, सूखे मेवों से बाबा महाकाल का दिव्य श्रृंगार कर भस्म अर्पित की गई। इसके बाद रजत का त्रिपुंड, त्रिशूल और चंद्र अर्पित किया गया।

शेषनाग का रजत मुकुट, रजत की मुंडमाल और रुद्राक्ष की माला के साथ सुगंधित पुष्प से बनी फूलों की माला अर्पित की गई।

मोगरे और गुलाब के पुष्प अर्पित कर फल और मिष्ठान का भोग लगाया गया। मान्यता है कि भस्म अर्पित करने के बाद भगवान निराकार से साकार रूप में दर्शन देते हैं।

 

शाम 4 बजे प्रजा का हाल जानने निकलेंगे महाकाल

शाम 4 बजे भगवान महाकाल शहर भ्रमण पर निकलेंगे। पहली सवारी में भगवान श्री मनमहेश के रूप में दर्शन देंगे।

पहले पुलिस बैंड और सशस्त्र बल की टुकड़ी भगवान महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर देगी। इसके पश्चात सवारी महाकाल चौराहे से गुदरी चौराहा, कार्तिक चौक, हरसिद्धि होते हुए रामघाट पहुचेगी।

शिप्रा नदी पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा महाकाल के अभिषेक-पूजन किया जाएगा।

यहां से सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर वापस आएगी। सावन के प्रत्येक सोमवार को महाकाल राजा की सवारी निकालने का विधान है।

इस साल अधिक मास होने से कुल 10 सवारी निकाली जाएंगी। इनमें 8 सवारी सावन महीने और दो सवारी भादों में निकाली जाएंगी।

 

पहली सवारी 10 जुलाई, शाही सवारी 11 सितंबर को
  • पहली सवारी: 10 जुलाई
  • दूसरी: 17 जुलाई
  • तीसरी: 24 जुलाई
  • चौथी: 31 जुलाई
  • पांचवीं: 7 अगस्त
  • छठवीं: 14 अगस्त
  • सातवीं: 21 अगस्त
  • आठवीं: 28 अगस्त
  • नौवीं: 4 सितंबर
  • 10वीं शाही सवारी: 11 सितंबर
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